तुम्हारा यूं मिलना कोई इत्तेफाक ना था, मुझको मेरी तन्हाई से अब शिकायत नहीं है, पाकिस्तान के अग्रणी आधुनिक शायरों में से एक, अपने अपारम्परिक अंदाज़ के लिए मशहूर। “कहने को तो सब अपने हैं, पर सच में कोई साथ नहीं।” किसी की साँसों में समाकर उसे तन्हा नहीं करते। https://youtu.be/Lug0ffByUck